Tuesday, 16 March 2021

अहंकार

अहंकार--
           जब तक हममें अहंकार का लेशमात्र भी रहेगा, तब तक हमारे मन में सत्य धारणा कदापि नहीं हो सकती ! तुम सबको अहंकाररूपी शैतान अपने ह्रदय से निकाल देना चाहिए, आध्यात्मिक अनुभूति के लिए संपूर्ण आत्म-समर्पण ही एकमात्र उपाय हैं !! 
                                    --(स्वामी विवेकानंद साहित्य)
                                                  तृतीय खंड

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