Wednesday, 31 January 2018

फलोदी गाँव

फलोदी का सवेरे की वो हवा


जो आज की शहरों की भीड़
में लोगो ने गांवो को भूला दिया
पर जब हम सब बुढे हो जायेंगे
तब हम सब गांवो को याद करेंगे
पर जब तक लोग गांव को भी शहर
जैसे  बना देंगे आज वो लोगों को शर्म
आती है यह बोलने में की में गांव से हु
आज लोगों को रुपयों की चकाचौंध
ने उनकी आंखों पर पट्टी लगा दी हैं
पर उन रुपयों की चकाचौंध में उनको
यह नही पता कि प्यार और अपनापन तो
साथ रहने में ही हैं

Tuesday, 30 January 2018

R s group

Social worker all red side group

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

 वृत्तपत्र में नाम छपेगा - पहनूँगा स्वागत समुहार,   छोड़ चलो यह क्षुद्र भावना - हिंदू राष्ट्र के तारणहार,  कंकड़ पत्थर बन-बन तुमको - राष्ट्र...